निवेशक और सहभागी की सुपरपॉवर: अनिश्चितता झेलने की क्षमता

निवेशक और सहभागी की सुपरपॉवर: अनिश्चितता झेलने की क्षमता

अगर आप एक निवेशक हैं, एक सहभागी हैं या फिर आपको बस अपनी आय बढ़ाने के अवसरों में रुचि है तो आपको इसकी आवश्यकता होगी। कम से कम स्कूल में तो आपने इतिहास पढ़ा ही होगा और आप जानते हैं कि लोग कभी इससे अलग नहीं रहे - वे हमेशा घटनाओं के बारे में अधूरी या परस्पर विरोधी जानकारियों से घिरे रहते हैं। ऐसी परिस्थितियों में, यह बाहरी परिस्थितियों या किसी बुरी चीज़ की अपेक्षा नहीं है जो चिंता का कारण बनती है, बल्कि निश्चित रूप से अनिश्चितता है।

चिंता लोगों को कमज़ोर बनाती है, उन्हें रोकती है, बुरे फैसले लेने के लिए बाध्य करती है, हेरफेर का शिकार होने के लिए मजबूर करती है। सबसे ज़्यादा ज़रूरी चीज़, ये बहुत जल्द सभी को दोस्तों और दुश्मनों के रूप में बांट देती है, दुनिया को अच्छे और बुरे में बदल देती है, और इस तरह आप अपने पैरों के नीचे का आधार फिर से हासिल करते हैं।

और क्या अनिश्‍चितता के बावजूद, एक विरोधी, बदलने वाली, या केवल अपरिचित परीस्थिति में प्रभावकारी होना संभव है? बिलकुल, संभव है!

पहला, एक नियम बनाएं: कभी-भी अपनी भावनाओं में बहकर वित्तीय निर्णय न लें। गहरी भावनाओं के ठहर जाने का इंतज़ार करें।
दूसरा, किसी भ्रम में न रहें। कोई बात नहीं अगर आप किसी परिस्थिति को नियंत्रित करना चाहते हैं। यह आम बात है अगर आप ठीक से "हां" और "नहीं", फ़ायदे और नुकसान, अच्छे और बुरे, सही और गलत, उचित और अनुचित का निर्धारण ठीक से नहीं कर पाते। हमेशा से ही यहां अनेक विकल्प मौजूद रहे हैं, दुनिया की विविधता मात्र एक सच्चाई है। यह सच्चाई स्वीकार करना हर किसी के बस में नहीं होता! क्योंकि आपको ये मानना होगा कि आप सब कुछ नियंत्रित नहीं कर सकते और आपको इस बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
तीसरा, अपने अंदर बुद्धिमत्ता विकसित करें। केवल IQ ही नहीं, EQ भी। आपने एक बार नहीं, कई बार सुना होगा कि एक निवेशक को ज़्यादा IQ की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन फिर आप हैरान हो रहे होंगे कि क्यों कुछ लोग कामयाब हो जाते हैं जबकि कुछ नहीं हो पाते। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि कामयाब लोग ज़्यादा स्मार्ट होते हैं? नहीं, ऐसा नहीं है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने अपने अंदर भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित कर ली है, वे अपनी भावनाओं पर काबू पाना सीख गए हैं, और उन्होंने दूसरों की भावनाओं को समझना और अपनी सामाजिक क्षमता को बढ़ाना सीख लिया है।

भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित की जा सकती है, यह बिलकुल भी मुश्किल नहीं है! अपने आपको नियंत्रित करने, दूसरों को समझने और अपरिचित संरचनाओं के अनेक स्तरों को नेविगेट करने के लिए आपको बस भावनाओं को पहचानना सीखने की ज़रूरत है। अगर आप भावनात्मक बुद्धिमत्ता विकसित करने के कारगर तरीके सीखना चाहते हैं तो टिप्पणी में लिखिए - हम अपनी भविष्य की सामग्री में उन्हें आपके साथ साझा करेंगे।

इस बीच हम आपको एक खेल ऑफ़र करते हैं। अनिश्चितता को झेलने की सहनशीलता से आप आत्मविश्‍वास के और करीब आएंगे, आप किसी भी बदलाव को सहर्ष स्‍वीकार करने लगेंगे और लाभदायक समाधान खोजेंगे। सुधार करने की कोशिश करें। यदि आपके पास एक टीम है, तो उन्हें एक सुधार करने का प्रस्ताव दें, यदि आपके पास नहीं है, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार को पेश करें। नियम सरल है: आप में से कोई एक विचार रखता है, जैसे कुत्ता पालना है। बाकियों का काम किसी और के विचार का समर्थन करना है, न कि अपने और यह साबित करना है कि यह किसी भी परिस्थिति में अच्छा है। उदाहरण के लिए, पहला प्रतिभागी कहता है कि यदि कुत्ते को यात्रा पर ले जाने की आवश्यकता हो तो वह क्या करेगा, दूसरा - यदि कुत्ते को टहलने के लिए ले जाने का समय नहीं है तो वह क्या करेगा। और इसी तरह।

परिणामस्वरूप, आप समझना सीखेंगे कि हर परिस्थिति से निकलने का रास्ता ज़रूर होता है, बस आपको दूसरों के निर्णयों को समझना और समर्थन देना सीखना होगा। और फिर आप असल ज़िंदगी में इन स्किल्स को आज़माने में सक्षम हो जाएंगे।

वैसे तो, अनिश्चितता परिहार सूचकांक (जिसके द्वारा सहनशीलता का स्तर मापा जाता है) एक वैज्ञानिक शब्द है जो 1970 के दशक में सभी देशों की संस्कृतियों के अध्ययन पर आधारित है! अनिश्चितता के लिए कम सहनशीलता वाले देश और संस्कृतियों (और एक समान रूप से ऊंचे परिहार सूचकांक) में अधिक प्रतिबंध, आधिकारिक नियम और प्रोटोकॉल होते हैं, जो एक अस्थिर अर्थव्यवस्था का दर्शाते हैं, और ऐसे समाज में उच्च स्तर की आक्रामकता और चिंता होती है। इस तरह, हममें से प्रत्येक के पास अपने अंदर अनिश्चितता के प्रति सहनशीलता विकसित करके आर्थिक स्थिरता को प्रभावित करने की शक्ति है।

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