साइबर सुरक्षा के नियम जो आपके पैसों को सुरक्षित रखेंगे

साइबर सुरक्षा के नियम जो आपके पैसों को सुरक्षित रखेंगे

चूँकि हमारी जिंदगी में इंटरनेट की भूमिका बढ़ी है इसलिए इंटरनेट की सुरक्षा के सिद्धांतों को समझने की जरूरत भी बढ़ी है। अतएव, आज हम साइबर सुरक्षा के नियमों के बारे में बात करेंगे, जिनका इंटरनेट के प्रत्येक उपयोगकर्ता को अनुसरण करना चाहिए।

1. साधारण पासवर्ड नहीं रखें। चेतावनियों के बावजूद, हम में से अधिकतर अभी भी 123456, qwerty, अपने बच्चे या पालतू जानवर का नाम अथवा जन्मतिथि जैसे पासवर्डों का उपयोग करते हैं। ऊपर उल्लेख में आए सभी संयोजनों का कुछ मिनट में आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है या सोशल मीडिया में आपकी प्रोफाइल से तलाशा जा सकता है, जहाँ पर हम खुशी-खुशी पालतू जानवरों के नामों के साथ-साथ उनकी तस्वीरों को डालते हैं। सरल पासवर्ड हैकर्स को आपके गज़ट, ईमेल और ऑनलाइन बैंकिंक तथा पहुँच प्रदान करता है और इसके फलस्वरूप आपको व्यक्तिगत डाटा की हानि हो सकती है और यहाँ तक कि बैंक खातों के पैसे भी जा सकते हैं।

2. संदिग्ध कड़ियों पर कभी भी क्लिक न करें। अज्ञात प्राप्तकर्ता के पास से आए लिंक वाले ईमेल या एसएमएस को प्राप्त करने के बाद सबसे पहले पाठ को सावधानीपूर्वक पढ़ें। अगर आपने किसी "खोज" में हिस्सा नहीं लिया है और अज्ञात प्रेषक से आपको निधियों के ट्रांसफर की आशा नहीं है तो इस प्रकार के ईमेल्स को निस्संकोच डिलीट कर दें और सेंडर को स्पैम में डाल दें। यह बात अतिरिक्त पैसा कमाएं, लिंक का अनुसरण करके सुपर समाचार देखें या अपनी नंगी तस्वीरें देखें पर लागू होती है। अपनी बैंक से संदिग्ध पाठ संदेश मिलने के बाद हॉटलाइन नंबर को डॉयल करें और इसके समेत अपनी प्रोफाइल में नवीनतम अपडेट्स की जाँच करें कि क्या आपको कोई न्यूजलेटर्स भेजा गया है। अगर उत्तर नहीं है तो प्रेषक को प्रतिबंधित कर दें। लिंक पर क्लिक करने से आपका स्मार्टफोन या कंप्यूटर दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर से संक्रमित हो सकता है जो पासवर्डों को पढ़ता है और आपकी डिवाइस तक अनधिकृत पहुँच के लिए हैकर्स तक उन्हें पहुँचाता है।

3. ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन खरीदों के लिए भुगतान या सोशल मीडिया खाते में प्रवेश करने के लिए लॉगिन करने हेतु पब्लिक वाई-फाई का उपयोग नहीं करें। इस प्रकार के परिचालनों के लिए निरापद नेटवर्क से जुड़ने की आवश्यकता होती है जो आपके व्यक्तिगत डाटा को लीक होने से रोकने के लिए बाहरी हमलों से भलीभाँति सुरक्षित हो। मुफ्त वाई-फाई से अधिकतम जो आप कर सकते हैं वह है इसका पता लगाना कि अपरिचित जगह में होटल कैसे तलाशें या उन जगहों के बारे में जानकारी पढ़ें जिनमें आपकी दिलचस्पी है।

4. अपनी मुख्य बैंक के कार्ड से ऑनलाइन भुगतान नहीं करें। इस काम को करने के लिए सुरक्षा के नए स्तर के साथ मोबाइल भुगतान प्रणालियों का आविष्कार किया गया हैः एंड्रॉयड पे और एपल पे। एक-बार की भुगतान संख्या को सृजित करके ये प्रणालियाँ आपके बैंक कार्ड विवरणों का अनुरोध नहीं करती हैं जिसका अर्थ यह हुआ कि स्कैमर्स के लिए उसकी उपलब्धता शून्य हो जाती है। अगर आपने अभी तक नई प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल नहीं की है और पुराने तरीके से अपनी ऑनलाइन खरीदों का भुगतान करते हैं तो इस तरह के भुगतान के लिए पृथक इंटरनेट कार्ड प्राप्त करें और उसमें निश्चित धनराशि ट्रांसफर कर दें। यहाँ तक कि हैकर्स इस तक पहुँच भी जाते हैं तो आप पेरोल कार्ड पर अपने पैसे को सुरक्षित बनाए रखेंगे।

5. अपने दस्तावेजों की प्रतियों को गैर-वित्तीय संस्थानों के पास नहीं छोड़ें और उन्हें डाक से नहीं भेजें। फिटनेस केंद्र, रीयल एस्टेट एजेंसियाँ, ट्रैवेल एजेंसियाँ और रेस्त्राँ यह सुनिश्चित करने के लिए अक्सर आपसे दस्तावेजों की प्रतियाँ माँगते हैं कि सदस्यता या ग्राहक कार्ड जारी किया जा सके और फिर किसी अन्य कारण से मांगते हैं। इस प्रकार के संगठनों के द्वारा ग्राहक के व्यक्तिगत डेटा के अनुपयुक्त स्टोरेज से यह किसी दूसरे हाथ में पड़ सकता है और फिर उसके मालिक के लिए दुखद परिणाम सामने आ सकता है। अगर आप नहीं चाहते कि एक दिन इंटरनेट के ऊपर आपके नाम पर असुरक्षित ऋण जारी कर दिया जाए, अपने दस्तावेजों को सदैव अपने पास रखें। यही बात आपके ईमेल पर लागू होती हैः चुना गया पासवर्ड हैकर्स को उन सभी दस्तावेजों तक पहुँच प्रदान करता है, जिन्हें कि आपके ईमेल से कभी भेजा गया था। सतर्क रहें और कम से कम प्रत्येक तीन महीनों पर अपना पासवर्ड बदलने का प्रयास करें।

6. दो फैक्टर-प्रमाणीकरण को अवश्य अपनाएं। यह उपाय आपके ईमेल, वेबसाइट खाते या ऑनलाइन बैंकिंग खाते को हैक होने से बचाएगा: भले ही स्कैमर्स लॉग इन करने के लिए सही पासवर्ड खोजने का प्रबंध कर लें पर वे उस कोड का अनुमान नहीं लगा पाएंगे जो सिस्टम आपके फोन पर एसएमएस संदेश में भेजेगा। दो फैक्टर-प्रमाणीकरण की स्थापना करना मुश्किल काम नहीं हैः सॉफ्टवेयर प्रायः इंस्टालेशन के दौरान इस ऑप्शन को प्रायः ऑफर करता है या इसे बाद में सक्रिय किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, reg.solargroup.pro में निवेशक के बैक ऑफिस में आप "सेटिंग्स" सेक्शन में जाकर अपनी प्रोफाइल में इसे सक्रिय कर सकते हैं।

हम आशा करते हैं कि आप हमारी उपयोगी टिप्स में महारत हासिल करेंगे और दूसरों के हाथ में पड़ने से अपने गोपनीय डाटा को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें काम में लाना प्रारंभ कर देंगे। एक बार आपको फिर से याद दिला जाने भी उपयुक्त रहेगा कि बैक ऑफिस यूजर्स के बारे में SOLARGROUP जो जानकारी प्राप्त करता है वह पूरी तरह से सुरक्षित होती है और प्रकटीकरण के अधीन नहीं होती है, जो कि “गैर-प्रकटीकरण समझौते” में निर्धारित होती है। कोई भी परियोजना के निवेशकों का व्यक्तिगत और भुगतान का डाटा प्राप्त नहीं कर सकता है क्योंकि अनधिकृत पहुँच से जानकारी की रक्षा करने के लिए एसएसएल प्रोटोकोल का उपयोग किया जाता है।

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