दुनिया में बेची गई हर दसवीं कार इलेक्ट्रिक है: इलेक्ट्रिक कार बाज़ार के 2022 के परिणाम

दुनिया में बेची गई हर दसवीं कार इलेक्ट्रिक है: इलेक्ट्रिक कार बाज़ार के 2022 के परिणाम

इलेक्ट्रिक कार की सेल्स में महामारी की वजह से होने वाले संकट के बाद, 2022 शानदार रहा। दुनिया के सभी प्रमुख कार निर्माता इस तेज़ी से बढ़ते बाज़ार में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं और दुनिया भर की सरकारें शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों को कानूनी प्रोत्साहन दे रही हैं।

2022 के मुख्य ट्रेंड्स

DIGITIMES के शोध विश्लेषकों ने इस बात पर गौर किया है कि 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की वार्षिक सेल्स 9.78 मिलियन यूनिट्स तक पहुँच गई, जो पिछले साल के मुकाबले 49% ज्यादा रही। दुनिया में खरीदी गयी हर दसवीं कार इलेक्ट्रिक थी। यह एक रिकॉर्ड तोड़ ऐतिहासिक आंकड़ा है।

शून्य उत्सर्जन वाली कारों का हाइब्रिड पर दबदबा एक दूसरा ट्रेंड है। LMC Automotive और EV-Volumes.com के अनुसार, 2022 में बिकी सभी कारों में से सभी 7.8 मिलियन यूनिट्स इलेक्ट्रिक (BEVs) हैं और बाकी हाइब्रिड हैं। BEV सेल्स में साल की ग्रोथ 68% रही।

देश के अनुसार बाज़ार

दुनिया में इलेक्ट्रिक कार का सबसे बड़ा बाज़ार चीन में है। 2022 में, नई इलेक्ट्रिक कारों की 60% बिक्री यहां हुई। चीन के बाद यूरोप 24% और अमेरिका 9% पर रहा।

चीन में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहे उद्योगों में से एक है। 2022 में, Wuling Hongguang Mini EV निर्माता ने सेल्स में Tesla उत्पादों को पीछे छोड़ दिया। देश के इतिहास में पहली बार, इस ब्रांड की इलेक्ट्रिक कार ने बाज़ार में ईंधन से चलने मॉडल से अधिक पकड़ बनाई है।

अनुमान

विशेषज्ञों ने ख़ुशी-ख़ुशी इलेक्ट्रिक कार बाजार का तेजी से विकास होने की भविष्यवाणी की है। बहुत से आकलनों के अनुसार, 2023 में इलेक्ट्रिक कार की सेल्स वॉल्यूम 14 मिलियन यूनिट्स रहेगी, बाज़ार में 70% का उछाल आएगा।

BloombergNEF को यकीन है कि दशक के अंत तक, दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी 40% तक पहुँच सकती है।

दुनिया के अग्रणी कार निर्माताओं का कहना है कि वे इस उत्पादन में सहयोग करने के लिए इलेक्ट्रिक कारों, साथी ही बैटरी को विकसित और उनका उत्पादन करने और कच्चे माल के लिए कई बिलियन डॉलर निवेश करने के लिए तैयार हैं। यह सब शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों की बढती मांग के अनुमान की पुष्टि करता है।

जाहिर है, पर्यावरण के अनुकूल वाहनों की तरफ झुकाव पहले ही हो चुका है और उत्पादन तेज़ी से बढ़ना जारी रहेगा। और वे कंपनियाँ जो अनोखी प्रतिस्पर्धात्मकता के साथ बाज़ार में उत्पाद पेश करेंगी, उनका सफल होना तय है।

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