#निवेशक की शब्दावली: Blue chips
वित्त के क्षेत्र मेंं "ब्लू चिप्स" की अवधारणा जुए की दुनिया से आई है। अंग्रेजी में, ब्लू चिप्स की अभिव्यक्ति जुआघर में दाँव लगाने के लिए सर्वाधिक मंहगे टोकनों के लिए आती है।
रूलेट के समान ही, ट्रेडिंग में ब्लू चिप्स सर्वाधिक तरल, सफल और स्थिर कंपनियों के शेयरों के नामकरण के साथ-साथ इन प्रतिभूतियों के जारीकर्ताओं के लिए प्रयुक्त होना शुरू हुई।
"ब्लू चिप्स" की परिभाषा से मेल खाने वाले संगठनों की मूलभूत विशेषता दूरगामी सकारात्मक पूर्वानुमान और उल्लेखनीय पूँजीकरण है। निवेशकों के लिए यह इस बात का संकेत है कि उनकी आस्तियों का मूल्य निरंतर रूप से उच्च बना रहेगा और भविष्य में उसके गिरने के आसार नहीं हैं।
ब्लू चिप बनने के लिए, कंपनी को अवश्य ही अनेक शर्तों पर खरा उतरना होगाः
- लाभप्रदता के उच्च व स्थिर संकेतक;
- सतत वृद्धि व विकास;
- पूँजीकरण का उच्च स्तर;
- जारी शेयरों की तरलता।
ब्लू-चिप सूचकांक शेयर बाजारों द्वारा निर्धारित किए जाते हैं और लेनदेन की धनराशियों के बारे में जानकारी पर आधारित होते हैं।
Boeing, Apple, Walt Disney, और Coca-Cola की तरह की कंपनियाँ अमेरिकी शेयर बाजार की ध्वजवाहकों में से हैं। रूस में Rosneft, VTB Bank, LUKOIL और Yandex के शेयरों की तरलता उच्च होती है।
ब्लू चिप्स सफल व्यवसाय के संकेत क्यों होते हैं? उनके शेयर, शेयर बाजार में सट्टेबाजी के कारण नहीं वरन उनके अपने विकास के लिए अच्छी संभावनाओं के कारण अधिक मंहगे हो रहे हैं। इसके साथ ही साथ, ख्यात रिजर्व निधियाँ बाजार के उतार-चढावों से त्रस्त हुए बिना संकट से निजात पाने के लिए अवसर प्रदान करती हैं। इस दर्जे को धारण करने वाली कमोबेश सभी कंपनियां नियमित रूप से निवेशकों को लाभांश अदा करती हैं।
सिक्के का दूसरा पहलू भी हैः "ब्लू चिप्स" की कीमत में निरंतर वृद्धि हो रही है लेकिन धीरे-धीरे, इसलिए केवल दूरगामी निवेश के लिए ही इस प्रकार की प्रतिभूतियों में निवेश करना अच्छा होता है।