भारत में "Duyunov की मोटरें" परियोजना कैसे विकसित हो रही है
पिछले साल दिसंबर में भारत में राष्ट्रीय प्रतिनिधि कार्यालय खोले जाने से इस देश में परियोजना के विकास को नया संवेग प्राप्त हुआ> भारतीयों के मध्य निवेशकों और साझीदारों के साथ-साथ टेक्नोलॉजी में रुचि रखने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है।
2020 के नववर्ष में परियोजना को समर्पित दो बैठकें और प्रस्तुतियाँ भारत में आयोजित की गईं। उनमें भारी संख्या में लोग जमा हुए।
पहली बैठक रांची में नववर्ष को उत्सवित करने के लिए 20 जनवरी को आयोजित की गई। यह भारतीय राज्य झारखंड की राजधानी है जो कि पूर्वी भारत का वाणिज्यिक, औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र है। इस बड़े दिन की बैठक में 30 से अधिक लोग जमा हुए, इनमें से अधिकतर सक्रिय साझीदार और निवेशक थे। परियोजना के नए भागीदार बनने वाले उनके मित्र और संबंधी उनके साथ आए। शांत और उत्सवी माहौल में व्यावसायिक संवाद का आयोजन किया गया।
भारत में सम्मेलन की दूसरी बैठक का आयोजन राजस्थान में 9 फरवरी को बालोत्रा शहर के निकट हुआ और काफी बड़े पैमाने का हो गया! इसमें से 210 से अधिक लोगों ने हिस्सा लियाः साझीदार, निवेशक और व्यवसायी जो कि पहले से ही "Slavyanka" टेक्नोलॉजी से परिचित हैं।
आयोजन में परियोजना के शीर्ष अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। साझीदार नेटवर्क विकास विभाग के मुखिया Pavel Shadskiy और भारत में परियोजना के राष्ट्रीय प्रतिनिधि गुलशन कुमार बिर्दी ने वीडियो-कांफ्रेंस के माध्यम से दर्शकों से संवाद कायम किया। सम्मेलन में राजेश कुमार के नेतृत्व में भारत में अग्रणी साझीदारों ने व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लिया। उन्होंने परियोजना की प्रस्तुति दी, उसके मिशन को स्पष्ट किया और Duyunov की मोटरों के लाभ गिनाए।
बैठक के बहुत से प्रतिभागियों ने गौर किया कि परियोजना और "Slavyanka" टेक्नोलॉजी के बारे में भारत में भलीभाँति जानकारी है। लोगों की विशेषरूप से इसमें दिलचस्पी है क्योंकि यह पर्यावरण की समस्या को हल कर सकती है और जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार कर सकती है।